मुंबई, 21 मार्च 2025 – शिवसेना (उद्धव) के नेतृत्व को लेकर विवाद गहरा गया है। उद्धव ठाकरे पर आलोचनाओं का सिलसिला जारी है, जब उन्होंने न केवल बालासाहेब ठाकरे के सपनों को तोड़ा, बल्कि पार्टी को पूरी तरह से समाप्त कर दिया। एक ताजा बयान में शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि “जो टोपी कभी शिवसेना के सामने खड़ी नहीं होती, अब वही लोग इफ्तिखारी खा रहे हैं, तो हिंदू तालिबानी ही नजर आएंगे।”
इस बयान में पार्टी नेता ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने अपनी राजनीति के चलते शिवसेना की असली पहचान को नुकसान पहुँचाया है। उनका कहना है कि अब जब शिवसेना और मुस्लिम नेताओं के बीच गठबंधन हुआ है, तो इससे हिंदू समाज में भ्रम और नाराजगी बढ़ेगी।
स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे की आत्मा आज दुख के समुद्र में डूब गई होगी
— Vicky Jaiswal (@vickypshiva) March 21, 2025
शिवसेना उद्धव ठाकरे के मुखपत्र में हिंदुओं के लिए जहरीला बयान जो औरंगजेब के खिलाफ है।
उसे हिंदू तालिबान कहा गया,
हिंदू संगठनों को हिंदू तालिबान बताया गया।#उद्धव_माफी_मांगो pic.twitter.com/6j6sBWVyyW
तालिबानी खाने का असर
नेता ने यह भी कहा कि इस गठबंधन का “तालिबानी खाने का असर” हिंदू समाज पर पड़ेगा और यह हिंदू एकता को कमजोर कर सकता है। उनका आरोप था कि उद्धव ठाकरे ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए हिंदू समाज के विश्वास को नष्ट किया है।
#उद्धव_माफी_मांगो
इस बीच, सोशल मीडिया पर “#उद्धव_माफी_मांगो” हैशटैग ट्रेंड कर रहा है, जिसमें पार्टी समर्थक और आलोचक उद्धव ठाकरे से माफी की मांग कर रहे हैं, यह आरोप लगाते हुए कि उन्होंने पार्टी के मूल सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ किया है।
स्रोत: Satish Mehra | राजनीतिक संवाददाता